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जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाये || Be Positive || Man Me Hai Vishwas


आपका नजरिया ही आपकी जिंदगी तय करता है, आप चाहें तो लोगों द्वारा फेंके गए पत्थरों से स्वंय को चोटिल कर सकते है, या फिर उन्हीं पत्थरों का उपयोग एक मजबूत नींव बनाने में कर सकते है

जिन्दगी को सफल बनाने का नायाब तरीका


रेगिस्तानी मैदान से एक साथ कई ऊंट अपने मालिक के साथ जा रहे थे।
अंधेरा होता देख मालिक ने एक सराय में रुकने का देश दे दिया। निन्यानवे ऊंटों को जमीन में खूंटियां गाड़कर उन्हें रस्सियों से बांध दिया मगर एक ऊंट के लिए रस्सी कम थी, काफ़ी खोजबीन की, पर व्यवस्था हो नहीं पाई। 

तब सराय के मालिक ने सलाह दी कि तुम खूंटी गाड़ने जैसी चोट करो और ऊंट को रस्सी से बांधने का अहसास करवाओ।

यह बात सुनकर मालिक हैरानी में पड़ गया, पर दूसरा कोई रास्ता नहीं था, इसलिए उसने वैसा ही किया।

झूठी खूंटी गाड़ी गई, चोटें की गईं। ऊंट ने चोटें सुनीं और समझ लिया कि वह बंध चुका है। वह बैठा और सो गया।

सुबह निन्यानबे ऊंटों की खूटियां उखाड़ीं और रस्सियां खोलीं, सभी ऊंट उठकर चल पड़े, पर एक ऊंट बैठा रहा। मालिक को आश्चर्य हुआ - अरे, यह तो बंधा भी नहीं है, फिर भी उठ नहीं रहा है।

सराय के मालिक ने समझाया - तुम्हारे लिए वहां खूंटी का बंधन नहीं है मगर ऊंट के लिए है। जैसे रात में व्यवस्था की, वैसे ही अभी खूंटी उखाड़ने और बंधी रस्सी खोलने का अहसास करवाओ।

मालिक ने खूंटी उखाड़ दी जो थी ही नहीं, अभिनय किया और रस्सी खोल दी जिसका कोई अस्तित्व नहीं था। इसके बाद ऊंट उठकर चल पड़ा।

दोस्तो ऐसा हम इंसानो के साथ भी होता है हम भी ऐसी ही खूंटियों से और रस्सियों से बंधे होते हैं जिनका कोई अस्तित्व नहीं होता। मनुष्य बंधता है अपने ही गलत दृष्टिकोण से, गलत सोच से, विपरीत मान्यताओं की पकड़ से। 

ऐसा व्यक्ति सच को झूठ और झूठ को सच मानता है। वह दोहरा जीवन जीता है। उसके आदर्श और आचरण में लंबी दूरी होती है। इसलिए जरूरी है कि मनुष्य का मन जब भी जागे, लक्ष्य का निर्धारण सबसे पहले करे।

बिना उद्देश्य मीलों तक चलना सिर्फ थकान, भटकाव और निराशा देगा, मंजिल नही।
जिंदगी को सफल बनाने का एक ही तरीका है अपना लक्ष्य निर्धारित करो और उसी दिशा मे काम करो
Attitude एकचश्मेकी तरह है, जिस प्रकार काले रंग का चश्मा पहनने पर, हमें सब कुछ काला दिखाई देता है और लाल रंग का चश्मा पहनने पर, हमें सब कुछ लाल ही दिखाई देता है
इसी प्रकार नेगेटिव नजरिये से हमें अपने चारों ओर निराशा, दुःख और असंतोष ही दिखाई देगा और पॉजिटिव नजरिये से हमें आशा, खुशियाँ एंव संतोष ही नजर आएगा, यह हम निर्भर करता है कि हम कौनसे रंग का चश्मा पहनना पसंद करते है।

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