Man Me Hai Vishwas || ऐसी प्रार्थना जो आपको Positive कर दे! || Shiv Khera
जिंदगी बदल देने वाली प्रार्थना
एक ऐसी प्रार्थना जिसमें पूरे जीवन का निचोड़ है। एक ऐसी प्रार्थना जिसमें जीवन का सार छुपा है। एक ऐसी प्रार्थना जिसको अगर
हमने समझ लिया तो जीवन में कई दुखों का नाश हो सकता है।
कुछ गोल्डन वर्ड जो आपकी जिंदगी बदल सकते हैं।
जी हां दोस्तों आज मैं आपको एक ऐसी प्रार्थना के बारे में
बताने वाला हूं जो
अगर हमारी समझ में आ गई। जिसको अगर हमने अपने जीवन में उतार दिया तो मेरा यकीन मानिए आपके जीवन में कुछ बदलाव जरूर
आएंगे।
पहला आपके जीवन से कई सारे कष्टों का निवारण हो जाएगा।
और दूसरा आप जिस मंजिल को पाना चाहते हैं उसको पाने से आपको कोई नहीं रोक सकता।
मैं यकीन से कह सकता हूं कि यह प्रार्थना आपके जीवन में खुशियों का इजाफा करके जाएगी लेकिन यह तभी संभव है जब हम इस प्रार्थना को इन शब्दों को अपने जीवन में,
अपने मन में उतारें।
“हे परमात्मा मुझे इतना संतुलन दे
कि जो मैं नहीं बदल सकता
उसे आपकी सौगात समझकर स्वीकार करूँ।
और अगर मैं बदल सकता हूं
तो मुझे इतना हौसला और हिम्मत दो कि मैं उसे बदल दूँ।
और मुझे इतनी सद्बुद्धि दे
कि मैं यह जान सकूं
कि क्या बदला जा सकता है और क्या नहीं।“
यह प्रार्थना मैंने मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक शिव खेड़ा से सुनी है। शिव खेड़ा कहते हैं मैं हमेशा घर से निकलने से पहले इस प्रार्थना को दोहराता हूं और इस प्रार्थना से मेरे जीवन में अद्भुत परिवर्तन आया है।
दोस्तों किसी भी काम को करने के लिए और उसमें सफल होने के लिए एक बात जो सबसे जरूरी है वह आपका सकारात्मक रवैया यानी
आपका पॉजिटिव एटीट्यूड,
जितना ज्यादा आप पॉजिटिव रहेंगे काम में सफल होने की दर उतनी बढ़ जाएगी।
तो यह
प्रार्थना
काम
कैसे
करती
है।
तो दोस्तों अगर हम इस प्रार्थना को अपने मन में हर दिन कुछ बार
दोहराएंगे तो हमारा मन पॉजिटिविटी से भर जाएगा। यह
प्रार्थना
आपके
पॉजिटिव एटीट्यूड
को
बनाने
और
उसको
लगातार
बनाये
रखने
का
काम करती है। और मैंने आपको बताया जहां पॉजिटिविटी है वहां सक्सेस है।
अगर हम इस प्रार्थना के अर्थ को समझें तो यह हमें बताती है कि सब कुछ इंसान के हाथ में नहीं है,
कई सारी चीजें हमारे कंट्रोल से बाहर है।
मैं कहां पैदा होता हूं मेरे मां-बाप कौन होंगे क्या हमारे कंट्रोल में है। किसी के साथ कोई अनहोनी घटना हो जाती है तो क्या वह उसके कंट्रोल में
है। किसी को कोई जन्मजात बीमारी हो जाती है तो क्या इसे हम नियंत्रित कर सकते हैं बिल्कुल नहीं।
हमें यह अच्छी तरह से समझना होगा जो चीज हमारे कंट्रोल से बाहर है जिन चीजों को हम नियंत्रित नहीं कर सकते उनके बारे में सोचना व्यर्थ है। क्योंकि बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिन्हें हम नहीं बदल सकते यदि हम इन चीजों को नहीं बदल सकते तो
हमें इन्हें स्वीकार करना होगा। जितनी जल्दी हम इन्हें स्वीकार करेंगे हमें उतनी ही कम परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
प्रार्थना का एक हिस्सा ये
भी
कहता है हमें यह भी पता करना है क्या हमारे कंट्रोल में है और क्या हमारे कंट्रोल से बाहर,
इन चीजों को अगर हम जान जाएंगे तो हमारा ध्यान केवल उन्हीं चीजों पर रहेगा जिन चीजों को वाक्य में हम बदल सकते हैं। अगर कोई चीज वास्तव में बदली जा सकती है तो हमें प्रार्थना करनी चाहिए कि हमें इतना हौसला और हिम्मत मिले कि हम उन चीजों को बदल दें। हम क्यों व्यर्थ में उन चीजों के साथ लड़ते रहे जिनको बदला नहीं जा सकता क्यों हम बार-बार उन चीजों को कोसते रहे जो चीजें हमें जन्मजात मिली हमें उन कमियों को स्वीकार करके जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। अपनी कामयाबी को इतना बड़ा कर दो कि
नाकामयाबी
उसके
पीछे
छोटी हो जाए।
तो इस प्रार्थना का सार यही है कि हमें अपनी ऊर्जा, धन और मन उन कामों में लगाना है जिनको हम बदल सकते हैं। और उन कामों को ईश्वर के भरोसे छोड़ देना चाहिए जिनको बदला नहीं जा सकता है।
तो एक बार मेरे साथ आप इस प्रार्थना को दोहराएंगे
“हे परमात्मा मुझे इतना संतुलन दे
कि जो मैं नहीं बदल सकता
उसे आपकी सौगात समझकर स्वीकार करूँ।
और अगर मैं बदल सकता हूं
तो मुझे इतना हौसला और हिम्मत दो कि मैं उसे बदल दूँ।
और मुझे इतनी सद्बुद्धि दे
कि मैं यह जान सकूं
कि क्या बदला जा सकता है और क्या नहीं।“
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