Ratan tata ke anmol vichar || रतन टाटा
रतन
टाटा एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के सेवामुक्त चेयरमैन हैं। वे सन 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रहे।
वह टाटा ग्रुप के सभी प्रमुख कम्पनियों जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा टी, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स और टाटा टेलीसर्विसेज के भी अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने नई ऊंचाइयों छुआ और समूह का राजस्व भी कई गुना बढ़ा।
रतन
टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को भारत के सूरत शहर में हुआ था।
रतन
के नेतृत्व में टाटा समूह ने नई ऊंचाइयों को छुआ। उनके नेतृत्व में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पब्लिक इशू जारी किया और टाटा मोटर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया। सन 1998 में टाटा मोटर्स ने पहली पूर्णतः भारतीय यात्री कार – टाटा इंडिका – को पेश किया। तत्पश्चात टाटा टी ने टेटली, टाटा मोटर्स ने ‘जैगुआर लैंड रोवर’ और टाटा स्टील ने ‘कोरस’ का अधिग्रहण किया जिससे टाटा समूह की साख भारतीय उद्योग जगत में बहुत बढ़ी। टाटा नैनो – दुनिया की सबसे सस्ती यात्री कार – भी रतन टाटा के ही सोच का ही परिणाम है।
Ratan tata ke anmol vichar
दुनिया में हर कोई मेहनत करता है लेकिन सबके परिणाम उनके अनुसार प्राप्त नही होते है और इसके लिए हमारे मेहनत करने का तरीका ही जिम्मेदार है इसलिए हमे मेहनत करने के तरीके में सुधार करना जरुरी होता है
हम
सभी के पास समान प्रतिभा नहीं है, लेकिन हम सब के पास समान अवसर हैं, अपनी प्रतिभा को विकसित करने के लिए
जो व्यक्ति दूसरों की नकल करता है, कुछ समय के लिए तो सफल हो सकता है, परंतु जीवन में बहुत आगे नहीं बढ़ पाता।
मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय लेता हूँ और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूँ।
अगर आप तेजी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए। लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ मिलकर चलिए।
मैं निश्चित रूप से राजनीति में नहीं शामिल होऊंगा। मैं एक साफ़-सुथरे बिजनेसमैन के तौर पे याद किया जाना पसंद करूँगा, जिसने सतह के नीचे की गतिविधियों में हिस्सा ना लिया हो, और जो काफी सफल रहा हो।
ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने के मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूँगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर ये नहीं देखना चाहूँगा कि मैं क्या नहीं कर पाया।
कोई लोहे को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी जंग कर सकती है! उसी तरह कोई किसी इंसान को बर्बाद नहीं कर सकता,
लेकिन उसकी अपनी मानसिकता कर सकती है।
मैं उन लोगों कि प्रशंसा करता हूँ जो बहुत सफल हैं। लेकिन अगर वो सफलता बहुत बेरहमी से हासिल की गयी है तो मैं उस व्यक्ति की प्रशंसा करता हूँ पर मैं उसकी इज्ज़त नहीं कर सकता।
उन पत्थरों को उठाइए जो लोग आप पर फेंकते हैं और उनका इस्तेमाल कर के एक स्मारक खड़ी कर दीजिये।
मैं हमेशा लोगों से यही कहता हूँ कि हमेशा प्रश्न ऐसे पूछे जो कभी किसी ने ना पूछे हो। नए विचारो को आगे रखे, नए आईडिया पर तर्क करे ताकि हमारी यह दुनिया और बेहतर बनाई जा सके।
मैंने अपने जीवन के अनुभवों से यही सीख पायी है कि आप हमेशा जिस चीज़ को सही माने तो फिर उसी चीज़ पर डटे रहे और जहाँ तक सम्भव हो हमेशा निष्पक्ष ही बने रहे।
मैं चार बार शादी करने के बहुत करीब पहुँच गया था, और हर बार मैं किसी न किसी डर की वजह से पीछे हट गया। हर अवसर अलग था, लेकिन अब जब मैं इसमें शामिल लोगों को देखता हूँ, मैंने जो किया वो इतना बुरा नहीं था। मेरा मानना है, अगर शादी हो जाती तो ये और भी काम्प्लेक्स होता।
जीवन में केवल अच्छी शैक्षिक योग्यता या अच्छा कैरियर ही काफी नहीं है। आपका लक्ष्य होना चाहिए कि एक संतुलित और सफल जिंदगी जिया जाये। संतुलित जीवन का मतलब है आपका स्वास्थ्य,
लोगों से अच्छे सम्बन्ध और मन की शान्ति
केवल पैसा और शौहरत कमाना ही काफी नहीं है, सोचिये जब आपका किसी से ब्रेकअप हो तो उस दिन कंपनी में प्रमोशन कोई मायने नहीं रखता । जब आपकी पीठ में दर्द हो तो कार ड्राइविंग करने में कोई आनंद नहीं आता, जब आपका दिमाग में टेंशन हो तो शॉपिंग करने में भी कोई मजा नहीं आता। ये जीवन आपका है इसे इतना भी गंभीर मत बनाइये, हम सब इस दुनिया में कुछ पलों के मेहमान हैं तो जीवन का आंनद लीजिये
जीवन में यदि सुख दुःख यानी उतार चढाव न हो तो जीवन जीने का कोई अर्थ नही है क्योकि इसीजी में सीधी लाइन का मतलब ही होता है की हम जिन्दा नही है!
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