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कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती || Motivational Poem || Man Me Hai...



दोनों ही कवितायेँ आपके रोम रोम में एक सकारात्मकता का संचार करेंगीआपके खोये हुए विश्वास को जगायेगींआपकी राह में आने मिलने वाली मुश्किलों का सामना करने में मदद करेंगी।


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आज मैं आपके लिए दो प्रेरणादायक कवितायेँ लाया हूँ, दोनों ही कवितायेँ आपके रोम रोम में एक सकारात्मकता का संचार करेंगी, आपके खोये हुए विश्वास को जगायेगीं, आपकी राह में आने मिलने वाली मुश्किलों का सामना करने में मदद करेंगी।
पहली कविता काफी प्रसिद्ध है, हो सकता है आप में बहुतों ने ये पहले भी सुनी हो लेकिन दूसरी से शायद ही आप परिचित होंगे।

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
दोस्तों इसे कई लोग हरिवंश राय बच्चन की रचना मानते हैं। लेकिन असल में यह रचना सोहनलाल द्विवेदी जी की है। सोहन लाल द्विवेदी हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे। उन्हें पद्मश्री उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया था।


चाहे आसमां का सूरज बुझ जाए
पर मन का सूरज बुझने दो
पथरीली रास्तों में कदम लहूलुहान हो जाए
पर बढ़ते कदमों को रुकने दो
भविष्य का खाका वर्तमान में ही खींच लो
और अपनी भूतकाल से थोड़ा सा सीख लो

सफलता पाने का यह मंत्र कुछ अनोखा है
चलते हुए गिर जाओ तो उठो और फिर चलो
चाहे सारे जमाने का दामन छूट जाए
पर उम्मीदों का दामन छूटने ना दो
चाहे आसमां का सूरज बुझ जाए
पर मन का सूरज बुझने ना दो

एक बार अपने अंदर के रेडियो को सुनो
एक-एक करके अपनी खूबियों को चुनो
आशाओं के धागे को जोड़-जोड़ कर
जीवन में सफलता की चादरों को बुनो
चाहे मन्नत का धागा टूट जाए
पर विश्वास का धागा टूटने ना दो
चाहे आसमां का सूरज बुझ जाए
पर मन का सूरज बुझने ना दो

सुना है इस जीवन का कोई भरोसा नहीं
कुछ भी हो पर खुद पर पूरा भरोसा करो
चाहे यह अंतराल कितना भी छोटा हो
पर तुम उठो और कोई बड़ा चमत्कार करो
अपनी मेहनत और ईमानदारी के बदौलत
सच्चाई को झूठ के सामने कभी झुकने ना दो
चाहे आसमां का सूरज बुझ जाए
पर मन का सूरज बुझने ना दो 

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